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Budget 2025: What Salaried Employees Can Expect | इनकम टेक्स में छूट या gst में छूट

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जैसे-जैसे 1 फरवरी, 2025 नजदीक आ रहा है, सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं क्योंकि वह अपना लगातार आठवां केंद्रीय बजट पेश करने की तैयारी कर रही हैं। यह बजट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोदी 3.0 सरकार के तहत पहला होगा। पूरे भारत में वेतनभोगी कर्मचारी और करदाता उत्सुकता से उन घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं जो उनके वित्तीय बोझ को कम करेंगी। मुख्य अपेक्षाओं में कर राहत, उच्च कटौती और गृह ऋण के लिए समर्थन शामिल हैं। आइए प्रमुख मांगों का विश्लेषण करें और वे आपके लिए क्या मायने रख सकते हैं।

Budget 2025: What Salaried Employees Can Expect

आयकर राहत: हर कोई क्या उम्मीद कर रहा है(Income Tax Relief: What Everyone Is Hoping For)

बजट 2025 से सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए आयकर नियमों में बदलाव के माध्यम से राहत है। यहाँ क्या चर्चा हो रही है:

1. उच्चतर मूल कर छूट सीमा(Higher Basic Tax Exemption Limit)

वर्तमान में, नई कर व्यवस्था ₹3 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान करने से छूट देती है। कई लोगों का मानना ​​है कि इस सीमा को बढ़ाकर ₹5 लाख किया जाना चाहिए। इस सीमा को बढ़ाने से करदाताओं को अपनी कमाई का अधिक हिस्सा रखने और खर्च करने की शक्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

एक्सपर्ट व्यू: इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा का कहना है कि इस बढ़ोतरी की बहुत जरूरत है। वह ₹3 लाख से ₹7 लाख के बीच आय वालों के लिए कम कर दरों का भी सुझाव देती हैं।

2. अधिक आयकर छूट(More Income Tax Rebate)

वर्तमान में, ₹7 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को मौजूदा छूट प्रणाली के तहत कर से छूट प्राप्त है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस सीमा को बढ़ाकर ₹9 लाख किया जाना चाहिए। इससे मध्यम वर्ग के करदाताओं को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी के पार्टनर विवेक जालान का कहना है कि छूट सीमा बढ़ाने से करदाताओं को अधिक खर्च करने योग्य आय मिलेगी। उन्होंने ₹15 लाख से ₹18 लाख के बीच आय वालों के लिए कम दरों के साथ नए टैक्स स्लैब जोड़ने का भी सुझाव दिया है, जिस पर 25% कर लगेगा।

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3. स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी(Increase in Standard Deduction)

मानक कटौती एक निश्चित राशि है जिसे वेतनभोगी व्यक्ति अपनी कर योग्य आय से घटा सकते हैं। वर्तमान में, कई करदाताओं को उम्मीद है कि नई कर व्यवस्था के तहत इसे बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया जाएगा, जिससे अधिक आर्थिक राहत मिलेगी।

निवेश और बचत के लिए लाभ(Benefits for Investments and Savings)

4. एनपीएस निवेश के लिए कर-मुक्त सीमा(Tax-Free Limit for NPS Investments)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत, अधिकतम कर-मुक्त निवेश सीमा ₹50,000 है। अधिक लोगों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेषज्ञ इस सीमा को बढ़ाने की सलाह देते हैं। वे व्यक्तियों को उनके भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद करने के लिए एनपीएस निकासी को और अधिक लचीला बनाने का भी सुझाव देते हैं।

5. उच्च गृह ऋण ब्याज कटौती(Higher Home Loan Interest Deduction)

आयकर अधिनियम की धारा 24(बी) करदाताओं को आवास ऋण के लिए भुगतान किए गए ब्याज पर ₹2 लाख तक की कटौती का दावा करने की अनुमति देती है। कई लोगों का मानना ​​है कि आवास की बढ़ती लागत को देखते हुए यह सीमा बहुत कम है। करदाता सरकार से सीमा को बढ़ाकर ₹3 लाख करने या एकल संपत्ति के लिए ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर पूरी कटौती की अनुमति देने का आग्रह कर रहे हैं।

विशेषज्ञ दृष्टिकोण: दीवान पीएन चोपड़ा एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर ध्रुव चोपड़ा इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि आवास कई लोगों के लिए अप्रभावी बना हुआ है, और कटौती सीमा बढ़ाने से घर खरीदारों के लिए वित्तीय तनाव कम हो सकता है।

6. पूंजीगत लाभ कर में संशोधन(Revisions in Capital Gains Tax)

इक्विटी निवेश पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) विवाद का मुद्दा रहा है। करदाता एलटीसीजी छूट सीमा को बढ़ाकर ₹2 लाख या उससे अधिक करने की मांग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ लोग “ग्रैंडफादरिंग” नियम में बदलाव का सुझाव देते हैं, जो पुराने निवेशों से होने वाले लाभ पर कर लगाने के तरीके को प्रभावित करता है, ताकि इसे निवेशकों के लिए अधिक फायदेमंद बनाया जा सके।

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छोटे व्यवसायों और पेशेवरों के लिए सहायता(Support for Small Businesses and Professionals)

छोटे व्यवसायों और पेशेवरों को भी बजट 2025 में राहत की उम्मीद है। चर्चा में धारा 44एडी और 44एडीए के तहत अनुमानित कराधान के लिए टर्नओवर सीमा बढ़ाना शामिल है। इससे कर अनुपालन आसान होगा और छोटे उद्यमों पर वित्तीय बोझ कम होगा।

प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दें(Focus on Key Sectors)

स्वास्थ्य देखभाल निवेश(Healthcare Investments)

स्वास्थ्य सेवा में निवेश के लिए कर लाभ को सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार पर बजट के फोकस के हिस्से के रूप में माना जा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा और कौशल विकास में निवेश को प्रोत्साहित करना भी घोषणाओं का हिस्सा होने की उम्मीद है।

यह बजट क्यों मायने रखता है?(Why This Budget Matters)

लाखों करदाताओं के लिए बजट 2025 महत्वपूर्ण है। यह उनके अपने वित्त की योजना बनाने और अपने खर्चों का प्रबंधन करने के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। कर छूट बढ़ाने से लेकर कटौतियां बढ़ाने तक, सरकार के पास कई परिवारों के सामने आने वाले वित्तीय तनाव को कम करने का मौका है।

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाएं अनगिनत व्यक्तियों और परिवारों के वित्तीय भविष्य को आकार देंगी। हालांकि यह अनिश्चित है कि इनमें से कितनी उम्मीदें पूरी होंगी, एक बात स्पष्ट है: करदाता ऐसे बजट की उम्मीद कर रहे हैं जो उनकी जरूरतों को प्राथमिकता दे और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे। देखते रहें क्योंकि हम आपके लिए बजट 2025 और आपके वित्तीय कल्याण पर इसके प्रभाव पर नवीनतम अपडेट लाते हैं।

 

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